इस अलौकिक मंत्र के प्रत्येक शब्द में भगवान शिवजी की स्तुति की गई हैं । इसका अर्थ इस प्रकार है :
कर्पूरगौरं => कर्पूर के समान गौर वर्ण वाले ।
करुणावतारं => करुणा के जो साक्षात् अवतार हैं ।
संसारसारं => समस्त सृष्टि के जो सार हैं ।
भुजगेंद्रहारम् => सांप को हार के रूप में धारण करते हैं ।
सदा वसतं हृदयारबिन्दे भवंभावनी सहितं नमामि => इसका अर्थ है कि जो शिव, पार्वती के साथ सदैव मेरे हृदय में निवास करते हैं, उनको मेरा नमन है ।
मंत्र का अर्थ:
जो कर्पूर जैसे गौर वर्ण वाले हैं, करुणा के अवतार हैं, संसार के सार हैं और सर्प का हार धारण करते हैं, वे भगवान शिव माता भवानी के साथ मेरे ह्रदय में सदैव निवास करें और उनको मेरा नमन है ।
***** ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय *****
Was this post helpful?
Let us know if you had liked this post. That's the way we can do some better.